Story behind our Logo in Hindi

लोगो की सार्थकता

खत्री-सभा के लोगो को बनाते समय इस पर गहन मँथन हुआ।सभी की यही सोच थी कि इसमें सभा के स्वरूप,गठन,सहयोग,एकता,समय के साथ प्रवाह व परिवर्तशीलता,मण्डी नगर की धरोहर व प्रकृति इत्यादि जैसे गुणों का समावेश होना चाहिये।

खत्री-सभा के लोगो में उपरोक्त गुणों को समाने का प्रयास किया है।छोटी काशी शिव नगरी होने के कारण शिवजी के अनेको रूपों को समाहित किये हुए है इसलिये ब्यास नदी के तट पर एक ही शिला से काटकर मोनोलिथिक शैली में बनी शिवनन्दी की प्रतिमा को लोगो का आधार बनाया गया है जो पौराणिक  होने के साथ हमारी धरोहर भी है। इसमें तीन रेखायें ब्यास नदी की लहरों व जल के निरंतर प्रवाह तथा इसकी तीनो अवस्थायों को दर्शाती हैं।नन्दी बैल शिव भगवान के प्रति समर्पण,शक्ति,पराक्रम,कर्मठता व आध्यात्म का प्रतीक भी है ऐसे गुण किसी भी संगठन के सफल सँचालन के लिये निताँत आवश्यक होते हैं। शिवलिंग व उस पर बना त्रिपुँड तथा मध्य में लाल रँग में विद्यमान त्रिनेत्र ब्रह्माँड में व्याप्त अनंत उर्जा को दर्शाता है और खत्री-सभा मण्डी में युवा सदस्यों की उपस्थिति स्फूर्ति व अथक उर्जा को इंगित करती है। समाज में सभी के साथ सहयोग की भावना बनी रहे इसके लिये  'सहयोग सुखम्' सभा का मूल मँत्र है।

सुँदर लोगो बनाने के लिये खत्री सभा युथ विंग के सदस्य व वैब डिजाईनर रजत कपूर का योगदान प्रशँसनीय है। 


परिकल्पना: विनोद बहल